चाँदनी - लेखनी प्रतियोगिता -13-Mar-2022
चाँदनी से होता है चाँद का अस्तित्व
मिलें जब वे एक-दूजे से बढ़ता सत्व।
जब कभी मिटने लगता है चाँद का नूर
चाँदनी हो जाए क्षीण होने को मज़बूर।
औलाद के जीवन की चाँदनी है माँ
अमावस में देती है उसे प्यारी छाँव।
उन्मुक्त नभ में जब काले बादल छाते
ममता के काजल बुरी नज़र से बचाते।
देश के लिए चाँदनी होती सबकी शिक्षा
विकास की चमक बढ़े जब मिले दीक्षा।
अनपढ़ न रहे देश का कोई नागरिक
साक्षरता की चाँदनी करे सबका हित।
गरीब की चाँदनी होती भरपेट भोजन
सूखी रोटी खाकर भी तृप्त होता मन।
दिन भर मजदूरी कर दो जून कमाता
लहराती फसल से मुख चांदनी पाता।
फूलों के लिए उसकी चाँदनी है खुशबू
महकता वातावरण जिससे मिटे बदबू
तितली का मंडराना नई चमक है लाता
बच्चे-बूढ़े सभी के दिलों को है लुभाता।
वृक्षों की चाँदनी होती उनकी हरियाली
बिन पत्तियों के जीवन है खाली-खाली।
चिड़ियों की चहक जब नहीं देती सुनाई
हो सूनापन जैसे किसी ने चाँदनी चुराई।
वृद्धावस्था में चाँदनी है अपनी औलाद
चारों धाम कराती अपने कंधों पर लाद।
पत्नी हेतु चाँदनी होता उसका कुमकुम
सौभाग्य की रेखा बनती हृदय की धुन।
शिष्य के जीवन की चाँदनी होता है गुरु
विविध पड़ाव के अहं अध्याय करें शुरू।
आकाश की चाँदनी उसके चाँद-सितारे
जगमग करें नभ को लगते प्यारे-प्यारे।
मानव की चाँदनी है प्रेम और मानवता
दिल को दे सुकून, सबका है मन हरता।
न हो चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात
ऐसा व्यक्तित्व बनाएँ उज्ज्वल बने ये गात।
सत्कर्मों की चाँदनी चहुँ ओर बिखराएँ
दुष्कर्मों की कालिमा दाग ना लगा पाए।
डॉ. अर्पिता अग्रवाल
Shrishti pandey
15-Mar-2022 05:52 PM
Very nice
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Dr. Arpita Agrawal
15-Mar-2022 06:53 PM
धन्यवाद सृष्टि जी 👌
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Abhinav ji
14-Mar-2022 10:35 AM
Nice 👍
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Dr. Arpita Agrawal
14-Mar-2022 12:27 PM
Thanks Abhinav ji
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Punam verma
14-Mar-2022 08:33 AM
Nice
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Dr. Arpita Agrawal
14-Mar-2022 12:27 PM
Thanks poonam ji
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